देवास जिले में खाद की आपूर्ति के संबंध में कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता की अध्‍यक्षता में संबंधित विभागों की बैठक आयोजित

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देवास कलेक्‍टर  ऋषव गुप्‍ता ने देवास जिले में खाद की आपूर्ति के संबंध में कलेक्‍टर कार्यालय सभाकक्ष में संबंधित विभागों की बैठक ली। बैठक में अपर कलेक्‍टर श्री प्रवीण फुलपगारे, एसडीएम देवास श्री बिहारी सिंह, उप संचालक कृषि श्री आर.पी. कनेरिया सहित अन्‍य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

 

बैठक में कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने निर्देश दिये कि खाद विक्रय केन्‍द्रों पर पानी, टेंट और बैठक व्‍यवस्‍था करें। किसानों टोकन बाटकर खाद निश्चित तारीख पर किसान को निर्धारित दर पर खाद वितरित करें। अधिकारी खाद विक्रय केन्‍द्रों पर प्रतिदिन जाकर नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें।

कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने किसान भाईयों से अपील की है कि जिले में उर्वरकों का पर्याप्‍त भण्‍डार है। किसान अनावश्‍यक रूप से परेशान न हो और यूरिया का अनावश्यक भण्डारण न करें। जिले में प्राप्त होने वाले उर्वरकों को मार्कफेड के डबललॉक केन्द्रों, एमपी एग्रो गोदाम, सहकारी समितियां एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं के माध्यम से राजस्व विभाग के पटवारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर उर्वरकों का वितरण कार्य किया जा रहा है।

 

यदि किसी भी प्रतिष्ठान पर उर्वरक अधिक दर पर विक्रय किया जाता है तो उसकी सूचना संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी या संबंधित तहसीलदार को देवें। किसान यूरिया के उठाव के लिए अपनी भूमि की मूल ऋण पुस्तिका एवं आधारकार्ड साथ लेकर जावे। किसान यूरिया निर्धारित मूल्‍य 266.50 रूपये में ही ही उर्वरक क्रय करे।

 

जिले की मांग अनुसार रबी सीजन में कुल 24 हजार 332 मी. टन की आपूर्ति हो चुकी है, देवास रैक पाईंट पर 2-3 दिन में 2658 मी. टन यूरिया रेक एवं हरदा रैक पाईंट से 600 मी. टन यूरिया जिले को मिलने वाला है। पिछले वर्ष 3 नवम्बर 2022 तक 10 हजार 692 मी. टन ही युरिया का वितरण किया गया था। वर्तमान में जिले में 24 हजार 332 मी. टन यूरिया का भंडारण किया जाकर 17 हजार 700 मी. टन यूरिया का वितरण किया जा चुका है।

 

बैठक में बताया गया कि जिले में डबललॉक केन्द्र सभी सहकारी समितियों में यूरिया की आपूर्ति की जा रही है, जो किसान समिति के सदस्य हैं वे अपनी-अपनी समितियों से उर्वरक क्रय करें तथा शेष किसान जिले के डबललॉक केन्द्रों, विपणन सहकारी समिति एम.पी. एग्रो एवं निजी विक्रेताओं के यहां से उर्वरक क्रय कर सकते हैं। किसानों से अनुरोध है कि आवश्यकतानुसार ही यूरिया उर्वरक का उपयोग फसलों पर करें। अधिक यूरिया उपयोग से फसलों में कीट एवं रोगो का प्रकोप ज्यादा होता है।

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