Wheat Mandi Bhav: सरकार ने बढ़ाया गैंहू का समर्थन मूल्य, अब 2800 रु में खरिदेगी सरकार

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Wheat Mandi Bhav : सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने समर्थन मूल्य में वृद्धि कर दी है समर्थन मूल्य 2125 रु प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 2800 रु प्रति क्विंटल देने का फैसला लिया है।मध्य भारत में सबसे ज्यादा रेट मध्य प्रदेश की विदिशा मंडी में था। प्रदेश की मंडियों में आवके कम होने की वजह सरकार ने लिया बड़ा फैसला, समर्थन मूल्य में वृद्धि कर दी।

गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक राज्य यूपी को इसे गुजरात से खरीदना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार ने गैंहू का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है।उत्तर प्रदेश में गेहूं की कीमतें 3050 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं हैं। वहीं राजस्थान में यह अनाज 2800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बिक रहा है।इन राज्यों में किमते आसमान छू रही है।एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में गेहूं की कीमतें 3000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गईं हैं।अनाज कारोबार से जुड़े लोगों और कारोबारियों ने इसकी पुष्टि की है।

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केंद्र सरकार ने गेहूं को खुले बाजार में ओएमएसएस (ओपन मार्केट सेल स्कीम) के तहत बेचने की पहल अब तक नहीं की है। गैंहू की फसल बारीश के कारण खराब भी हो गई है।जिसकी वजह से भी बाजार में तेजी आयी है।इस कारण गेहूं की कीमतें रोज नई ऊंचाई पर पहुंच रही हैं।पूर्वी भारत में भी गेहूं उपलब्ध नहीं है। जब से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गेहूं का आवंटन रोका है, खुले बाजार में इसकी मांग बढ़ गई है।

गैंहू के भाव में तेजी आने के कारण सरकार ने फैसला लिया है कि अब किसान से गेहूं 2800 रू प्रति क्विंटल तक खरीदें जाएंगे।पिछले साल की तुलना में ये करीब 20 फीसदी अधिक है। इन मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार खुदरा बाजार में गेहूं के भाव करीब 31.17 रुपये प्रति किलो हैं जबकि पिछले वर्ष की तुलना में 15.76 फीसदी ज्यादा है। वहीं गेहूं का आटा 37.03 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 18.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस कारण गेहूं की कीमतें 2022 के रबी सीजन में तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल की तुलना में लगातार बढ़ते रहे हैं। इस वर्ष 2023 के खरीफ सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2125 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

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