देश में खाद्य तेलों का रिकॉर्ड आयात होने से दामों में आयी गिरावट

दिल्ली. देश के तेल-तिलहन बाजार में सभी खाद्य तेल-तिलहन की कीमतों में गिरावट का रुख देखा जा रहा है. विदेशी बाजारों में खाद्य तेल-तिलहनों के भाव टूटने, देश में सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे हल्के तेलों का रिकॉर्ड आयात होने से देशभर के तेल-तिलहन बाजार में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल-तिलहन, बिनौला, कच्चा पाम तेल और पामोलीन तेल में गिरावट दर्ज हुई बाजार के जानकारों का कहना कि बाजार में आयातित तेलों के भाव इतने सस्ते हैं कि देश के सोयाबीन, मूंगफली, आने वाली सरसों फसल, बिनौला का मंडियों में खपना दूभर हो गया है. सस्ते आयातित हल्के तेलों की बंदरगाहों पर भरमार होने के कारण देश का बिनौला तेल खप ही नहीं रहा और इससे खल महंगा हो रहा है. सबसे अधिक खल बिनौले से ही मिलता है.

देश में खाद्य तेलों का रिकॉर्ड आयात होने से दामों में आयी गिरावट

इसी के चलते देश की एक अग्रणी ब्रांड की दूध कंपनी ने देशभर में अधिकांश स्थानों पर अपने दूध के दाम बढ़ाए हैं पिछले वीकेंड के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 310 रुपये टूटकर 5,980-6,030 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सरसों दादरी तेल भी रिपोर्टिंग वीकेंड में 500 रुपये घटकर 12,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.

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वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 70-70 रुपये घटकर क्रमश: 1,990-2,020 रुपये और 1,950-2,075 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं. सूत्रों ने कहा कि रिपोर्टिंग वीक में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 110-110 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 5,395-5,475 रुपये और 5,135-5,155 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए. इसी तरह रिर्पोटिंग वीकेंड में सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल क्रमश: 350 रुपये, 400 रुपये और 200 रुपये घटकर क्रमश: 12,300 रुपये, 12,050 रुपये और 10,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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