नामांतरण बंटवारा व सीमांकन के प्रकरण 6 माह से अधिक लंबित नहीं होना चाहिए, तहसीलदार

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नामांतरण बंटवारा व सीमांकन के प्रकरण 6 माह से अधिक लंबित नहीं होना चाहिए, तहसीलदार की कोर्ट में भी यदि प्रकरण लंबित है तो एसडीएम भी जिम्मेदार होंगे, कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की पाक्षिक बैठक में दिए निर्देश

उज्जैन 10 फरवरी । कलेक्टर श्री कुमार पुरुषोत्तम ने जिले के राजस्व अधिकारियों की बैठक में कहा है कि नामांतरण ,बंटवारा व सीमांकन के प्रकरण 6 माह से अधिक लंबित नहीं होना चाहिए । जिले में 6 माह से अधिक लंबित सभी प्रकरणों का निराकरण 15 दिनों में करके पेंडेंसी जीरो दिखना चाहिए ।कलेक्टर ने कहा है कि तहसीलदार की कोर्ट में भी यदि प्रकरण लंबित है तो एसडीएम जिम्मेदार होंगे । उन्होंने अगली बैठक में एसडीएम वार समीक्षा पत्रक बनाने के लिए निर्देश दिए हैं ।कलेक्टर ने तराना तहसील कोर्ट में लंबित प्रकरणों पर नाराजगी व्यक्त की । बैठक में अपर कलेक्टर श्री मृणाल मीना , एडीएम श्री संतोष टैगोर जिले के सभी एसडीएम एवं तहसीलदार शामिल थे.

कलेक्टर ने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान सभी तहसीलदारों को चेताया है कि वह आगामी एक माह में कम से कम पचास प्रतिशत राजस्व वसूली करके दिखाएं । अत्यधिक कम वसूली होने के कारण कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई । कलेक्टर ने मुख्यमंत्री नगरीय भू अधिकार व मुख्यमंत्री ग्रामीण भूमि अधिकार प्रकरणों की समीक्षा की तथा निर्देश दिए कि सेकंड फेस में अधिक से अधिक लोगों को इस योजना से लाभान्वित करते हुए आवासीय अधिकार प्रदान किए जाएं । कलेक्टर ने कहा कि संवेदनशीलता से इस मामले में सभी को कार्य करना चाहिए । नक्शा त्रुटि सुधार के मामलों में भी जिले में ठीक से काम नहीं होने पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई . समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने ऐसे सभी तहसीलदारों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं जिनकी कोर्ट में एक वर्ष से अधिक समय से राजस्व के प्रकरण लंबित हैं.

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